दोस्तों अगर आप एक ब्लॉगर हैं तो आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा की seo kya hai. इस पोस्ट में आपको SEO के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में मिलेगी। ब्लॉगिंग की दुनिया में ये जानना बहुत जरुरी है की SEO कैसे करें।
आज के डिजिटल युग में अगर आप दुनिया से रूबरू होना चाहते हैं तो ऑनलाइन ही वह माध्यम है जिसके जरिए हम लाखों लोगों से जुड़ सकते हैं। अगर आप दुनिया के सामने अपनी स्किल लाना चाहते हैं, तो ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आप अपनी स्किल दुनिया के सामने ला सकते हैं।
ब्लॉगिंग के जरिए आप लोगों के सामने आ सकते हैं। लेकिन इतना सब करने के बाद लोग आपको तभी पहचान पाएंगे जब वो इन चीजों को देखेंगे। क्योंकि जो दिखता है वही बिकता है। जिसके लिए आपका ब्लॉग सर्च इंजन के पहले page में होना बहुत जरूरी है। चाहे वह Google हो या YouTube, क्योंकि जो भी पहले पेज पर आता है उसे विजिटर ज्यादा पसंद करते हैं और उस पर भरोसा भी करते हैं।
लेकिन SEO इतना आसान नहीं है जितना लोग इसे समझते हैं। इसके लिए आपको ये सब सीखना होगा SEO क्या है? और SEO कैसे करें। पहले पेज पर आने के लिए आपको अपने आर्टिकल का ज्यादा से ज्यादा SEO करना चाहिए, जितना अच्छा आपका SEO होगा, आपका आर्टिकल उतना ही ज्यादा रैंक करेगा, यानी आपको अपने आर्टिकल को सर्च इंजन के हिसाब से ऑप्टिमाइज़ करना होगा, ये सारी चीजें हम आपको इस पोस्ट में सिखाएंगे।
तो चलिए अब जानते है की SEO kya hai और कैसे करे। तो चलिए शुरू करते है।
SEO सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन, एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक वेबपेज को सर्च इंजन फ्रेंडली बनाया जाता है ताकि वेबपेज सर्च इंजन रिजल्ट पेज के टॉप पर रैंक करे। या किसी ब्लॉग या वेबसाइट को सर्च इंजन के पहले पेज में रैंक कराने के लिए ब्लॉगर जो भी प्रोसेस करते हैं उसे SEO कहते हैं।
SEO एक प्रकार का एल्गोरिदम है जिसके द्वारा सर्च इंजन उपयोगकर्ता द्वारा खोजी गई क्वेरी के अनुसार परिणाम डिस्प्ले करता है। SEO की मदद से ही सर्च इंजन यानी Google लोगों को सही परिणाम दिखा पाता है।
जैसे ही आप Google पर सर्च करते हैं SEO क्या है तो Google रिजल्ट पेज पर SEO से संबंधित सभी वेबपेज दिखाता है। इनमें जो वेबपेज टॉप पर होते हैं उन्हें SEO द्वारा ही टॉप पर लाया जाता है। सबसे अच्छे SEO वाला वेबपेज सबसे पहले रैंक करता है। SEO के बिना कोई भी ब्लॉग या वेबपेज सर्च इंजन में रैंक नहीं कर सकता है।
एक ब्लॉगर के लिए SEO करने का मुख्य उद्देश्य अपने ब्लॉग को Google के टॉप पर रैंक करवाकर अधिक से अधिक ऑर्गेनिक ट्रैफ़िक प्राप्त करना है और जबकि सर्च इंजन के लिए SEO का उद्देश्य उपयोगकर्ता की क्वेरी के लिए सबसे अधिक रिलेवेंट वेबपेज खोजना है।
हालाँकि सभी सर्च इंजनों के SEO के लिए अलग-अलग दिशानिर्देश हैं, लेकिन वर्तमान में Google दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन है, जो लगभग 94 प्रतिशत सर्च इंजन मार्केटिंग में हिस्सेदारी है, इसलिए सभी वेब मास्टर्स को अपनी वेबसाइटों के SEO के लिए Google के दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।
SEO का फुल फॉर्म
SEO का पूरा नाम सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन(Search Ingine Optimization) है। जिसे हिंदी में सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन कहते हैं।
SEO के प्रकार
SEO मुख्य रूप से 3 प्रकार के होते हैं, यहाँ हम इन तीन प्रकारों को विस्तार से समझने का प्रयास करेंगे।
- ऑन-पेज एसईओ
- ऑफ पेज एसईओ
- तकनीकी एसईओ
#1 – ऑन-पेज SEO क्या है?
Blog को Search Engine Friendly बनाने के लिए हमारे द्वारा Blog पर की जाने वाली सभी प्रक्रिया On Page SEO के अंतर्गत आती है। जैसे ब्लॉग पर SEO फ्रेंडली आर्टिकल लिखना, कीवर्ड रिसर्च करना, आर्टिकल्स में कीवर्ड प्लेसमेंट करना आदि। ऑन पेज एसईओ पूरी तरह से ब्लॉग के मालिक के हाथ में होता है, आप ब्लॉग का ऑन पेज एसईओ ठीक से करके ब्लॉग को सर्च इंजन में रैंक करा सकते हैं।
#2 – ऑफ पेज SEO क्या है?
ब्लॉग को सर्च इंजन में रैंक कराने के लिए हम ब्लॉग के बाहर जो भी एक्टिविटी करते हैं वह Off Page SEO के अंतर्गत आती है। ब्लॉग की रैंकिंग के लिए ऑन पेज एसईओ जितना जरूरी है, ऑफ पेज एसईओ उतना ही जरूरी है। ब्लॉग का ऑफ पेज SEO करके आप तुरंत ब्लॉग में ट्रैफिक ला सकते हैं और ब्लॉग को लोकप्रिय बना सकते हैं।
लेकिन ऑफ पेज SEO पूरी तरह से ब्लॉग मालिक के हाथ में नहीं होता है क्योंकि इसमें आपको अपने ब्लॉग को अन्य वेबसाइटों से लिंक करना होता है और हाई क्वालिटी बैकलिंक्स बनाना कोई आसान काम नहीं है।
Off Page SEO करने के लिए आप अपने ब्लॉग के समान वेबसाइटों पर बैकलिंक्स बना सकते हैं ताकि अधिक लोग आपके ब्लॉग पर आ सकें।
#3 – टेक्निकल SEO क्या है?
ब्लॉग को सर्च इंजन में रैंक कराने के लिए हम ब्लॉग पर जितने भी टेक्निकल काम करते हैं वह सभी टेक्निकल SEO के अंतर्गत आते हैं। आज के समय में SEO केवल बैकलिंक्स पर आधारित नहीं है। अच्छी रैंकिंग पाने के लिए आपको अपने ब्लॉग को तकनीकी रूप से भी मजबूत बनाना होगा और ब्लॉग में होने वाली हर एरर को दूर करना होगा।
आगे इस आर्टिकल में हमने आपको तीनों तरह के SEO करने का पूरा प्रोसेस बताया है।
यहां तक के आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप समझ गए होंगे कि SEO क्या है और यह कितने प्रकार का होता है। अब हम बात करेंगे कि SEO कैसे काम करता हैं।
सर्च इंजन(SEO) कैसे काम करता हैं

वैसे तो सभी सर्च इंजन का अपना एल्गोरिदम होता है जिसके अनुसार वह ऑप्टिमाइजेशन करते हैं एक बेसिक आइडिया नीचे दिया गया है। आपको बता दें कि SEO तीन steps में काम करता है –
#1. क्रॉलिंग (Crawling)
क्रॉलिंग यह वेब पेज को इंडेक्स करने का पहला step है, जिसमें गूगल के बोट्स क्रॉल करते हुए हाइपरटेक्स्ट पेजों पर जाता है और पेज को इंडेक्स करता है।
#2. इंडेक्सिंग (Indexing)
क्रॉलिंग के दौरान इंडेक्स होने वाले किसी भी वेब पेज के डेटा को कलेक्ट करना, पार्स करना और स्टोर करना इंडेक्सिंग के अंतर्गत आता है, ताकि समान डेटा को एक साथ रखा जा सके, जिसे इंडेक्सिंग कहा जाता है।
#3. मैचिंग
इंडेक्सिंग के बाद मैचिंग की प्रक्रिया शुरू होती है। जब कोई यूजर सर्च इंजन में कोई क्वेरी डालता है तो मैचिंग प्रक्रिया शुरू हो जाती है, जिसमें SEO टूल इंडेक्स पेजों पर जाता है और क्वेरी के कीवर्ड्स के अनुसार डेटा का match करता है। वेब पेजों की एक सूची जिसे वह वेब पेजों में लिखे मेटा डिस्क्रिप्शन से चुनता है। इस पूरी प्रक्रिया को मैचिंग कहा जाता है।
यह SEO का एक छोटा सा परिचय था, जिसमें आप समझ सकते हैं कि SEO कैसे उपयोगकर्ता के प्रश्नों से निपटता है, लेकिन पूरी प्रक्रिया रोबोटिक है, जिसके लिए कुछ एल्गोरिदम का उपयोग किया जाता है और कोई भी सर्च इंजन अपने एल्गोरिदम को बदलता रहता है।
अब तक हमने बताया है कि सर्च इंजन यूजर के प्रश्नों के साथ कैसे काम करते हैं, लेकिन अगर आप एक ब्लॉगर हैं और अपनी साइट को टॉप में देखना चाहते हैं, तो आपको कुछ strategy का पालन करना होगा।
SEO कैसे करें 15 Techniques In Hindi
एक वेबसाइट को सर्च इंजन के टॉप टेन में आना आसान नहीं है, इसमें समय लगता है। सर्च इंजन में साइट की आगे लाने के लिए साइट लगभग 6 महीने पुरानी होनी चाहिए और क्रॉलिंग, इंडेक्सिंग और मैचिंग ठीक से होनी चाहिए, जिसके लिए आपको नीचे दिए गए नियम फॉलो करने चाहिए।
#1. साइट की गति
साइट की गति जितनी तेज होती है, यह उतनी ही तेजी से काम करती है। इसके लिए बेहतर फ्रेमवर्क का उपयोग किया जाता है। पहले लोग ब्लॉग पोस्ट का उपयोग करते थे, लेकिन फिर वे वर्डप्रेस पर आ गए, जिससे बेहतर परिणाम मिल सके। अब genesis wordpress आया है, इसकी गति और भी बेहतर है और परिणाम भी कई गुना बेहतर हैं, तो आपको भी जेनेसिस वर्डप्रेस का उपयोग करना चाहिए जिससे आपकी साइट की स्पीड बढ़ जाये और आपका आर्टिकल गूगल में रैंक करे।
#2. लेखन क्षेत्र का चयन करें
आप धीरे-धीरे अपनी रुचि के बारे में लिखने के लिए एक अच्छा क्षेत्र चुनना सीखना होगा। ऐसे टॉपिक को चुनने की कोशिश करें जिससे आप किसी की मदद कर सकें क्योंकि ऐसे टॉपिक बहुत ज्यादा सर्च किए जाते हैं। जैसा कि आपने क्षेत्र का चयन किया है, फिटनेस से संबंधित समाचार।
#3. यूआरएल बनाएं
URL सबसे महत्वपूर्ण है, यह आपके पेज को क्रॉल करने का कारण बनता है, इसलिए इसे सावधानी से चुनें और अपने कीवर्ड URL में डालें।
#4. कीवर्ड उपयोग
अपने डेटा में अक्सर कीवर्ड्स का इस्तेमाल करें लेकिन बहुत ज्यादा नहीं। कीवर्ड ही एकमात्र तरीका है जिससे सर्च इंजन यह समझलेता हैं कि पेज किस बारे में है क्योंकि जैसा कि मैंने पहले ही कहा कि सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन एक रोबोटिक प्रक्रिया है, इसमें कोई human sense नहीं है। इसलिए काफी सोच-विचार कर कीवर्ड और यूआरएल बनाए।
#5. ब्लॉग की लंबाई
ब्लॉग लिखने में कंजूसी न करें। आप जितना विस्तार से लिखेंगे उतना अच्छा है। ब्लॉग में छोटे पॉइंट्स पर भी ध्यान दे जो निचे समजायेगये है।
- ब्लॉग में sub-title बनाएँ।
- अपनी बात points में बताएं।
- चीजों को आसानी से समझाने के लिए अच्छी भाषा, सरल भाषा का प्रयोग करें।
#6. शीर्षक बनाएँ
आर्टिकल के भीतर सबहेडिंग बनाएं ताकि आप अपनी बात को विस्तार से रख सकें और पाठकों को पढ़ने में भी आसानी हो। उपशीर्षकों को अलग-अलग रंगों में लिखें। शीर्षकों और महत्वपूर्ण शब्दों को बोल्ड और इटैलिक बनाएं। उप शीर्षकों में भी कीवर्ड डालने का प्रयास करें।
#7. संबंधित pages का लिंक add करें
अपने पेज पर अपनी खुद की साइट का लिंक add करे, यह साइट को आंतरिक रूप से लिंक करता है, जो क्रॉल करने में मदद करता है और सर्च इंजन को पेज इंडेक्स करवाने में आसानी होती है। इस प्रक्रिया को grouping कहा जाता है।
#8. एक external लिंक बनाएँ
अपनी साइट पर किसी लोकप्रिय साइट का लिंक डालें, लेकिन related content में related लिंक डालने से ही लाभ होगा।
#9. Backlink से फायदा
किसी दूसरी अच्छी साइट पर अपनी साइट का यूआरएल डालने के लिए आप उनसे रिक्वेस्ट कर सकते हैं या उनके कमेंट बॉक्स में कमेंट करके अपने पेज का यूआरएल डाल सकते हैं, इसे backlinks कहते हैं।
#10. Comment का उपयोग करे
आपकी पोस्ट को जितने ज्यादा कमेंट्स मिलेंगे, आप उतने ही ज्यादा सफल होंगे, इसलिए ऐसे पोस्ट लिखें जो पढ़ने वालों को कमेंट करने के लिए मजबूर करें।
#11. Social website से जुड़ें
फेसबुक, ट्विटर और गूगल प्लस आदि सोशल वेबसाइट्स पर अपना साइट पेज बनाएं। साइट को बढ़ावा देने का यह सबसे सीधा, आसान और सस्ता तरीका है क्योंकि सोशल वेबसाइट से ही नियमित readers मिलने की संभावना अधिक होती है।
#12. नियमितता बनाए रखें
रणनीति बनाएं कि एक महीने में साइट पर कितने ब्लॉग पोस्ट होंगे और उसी के अनुसार काम करें क्योंकि यह साइट की रैंकिंग को प्रभावित करता है, चाहे आप एक दिन में एक आर्टिकल डालें या दो-तीन डाले, लेकिन आप जो भी तय करते हैं, आपको उस पर अमल करना चाहिए।
#13. Data update करते रहे
पुराने ब्लॉग को समय-समय पर अपडेट करते रहें और उसमें नया डेटा डालें।
#14. Meta Title अच्छे से बनाये
अपने आर्टिकल को पब्लिश करते वक्त मेटा टाइटल डाले जो लगभग 60 शब्दों में लिखे। इससे SEO में आपके आर्टिकल को रैंक होने में बहुत फायदा होगा।
#15. Meta description में कीवर्ड डाले
मेटा डिस्क्रिप्शन में कीवर्ड ज़रूर डालना चाहिए क्युकी इससे आपके seo के स्कोर में बहुत फायदा होगा। मेटा डिस्क्रिप्शन लगभग 150 शब्दों में लिखे|
निष्कर्ष
आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हमने आपको seo kya hai के बारे में पूरी जानकारी दी है जैसे कि SEO कैसे करें। हम पूरी उम्मीद करते हैं कि इस लेख को पढ़कर आप इतने सशक्त होगये होंगे कि अपने ब्लॉग के SEO के जरिए रैंक करवा सकते हैं और गूगल से रेवेनुए ले सकते है।
यदि अभी भी आपके मन में SEO से सम्बंधित कोई प्रश्न है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं और यदि आपको इस लेख से कुछ सीखने को मिला हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें। ठीक है दोस्तों हम जल्द ही मिलेंगे एक नए पोस्ट में जिसमे हम और भी दिलचस्प जानकारी लेके आएंगे तब तक हमारे ब्लॉग के साथ जुड़े रहिये।
धन्यवाद।
unique and informative article ,thanks for your effort .